अभ्यास - प्रश्नोत्तर:
आओं याद करे-
प्रश्न: निम्नलिखित के उपयुक्त जोड़े बनाओ -
दक्षिणापथ के स्वामी बुद्धचरित
मुवेन्दार महायान बौद्ध धर्म
अश्वघोष सातवाहन शासक
बेधिसत्त्व चीनी यात्री
श्वेन त्यांग चोल, चेर, पांड्य
उत्तर:
दक्षिणापथ के स्वामी सातवाहन शासक
मुवेन्दार चोल, चेर, पांड्य
अश्वघोष बुद्धचरित
बेधिसत्त्व महायान बौद्ध धर्म
श्वेन त्यांग चीनी यात्री
प्रश्न: राजा सिल्क रूट पर अपना नियंत्रण क्यों कायम कराना चाहते थे?
उत्तर: शासक कर के लाभ के लिए रेशम मार्ग पर नियंत्रण करना चाहते थे, क्योंकि इस रास्ते पर यात्रा कर रहे, व्यापारियों से उन्हें कर, शुल्क तथा तोहफों के माध्यम से लाभ मिलाता था|
प्रश्न: व्यापार तथा व्यापारिक रास्तों के बारे के जानने के लिए इतिहासकार किन - किन साक्ष्यों का उपयोग करते हैं?
उत्तर: इतिहासकार, व्यापार तथा व्यापारिक रास्तों के बारे में जानने के लिए बर्तनों का उपयोग करते हैं, ऐसा अनुमान लगाया जाता हैं कि जहाँ ये बर्तन बनते थे, वहाँ से व्यापारी अलग - अलग जगहों पर लि जाए होंगे|
प्रश्न: भक्ति की प्रमुख विशेषताएँ क्या था|
उत्तर: भक्ति की मुख्य विशेषताएँ हैं-
1. किसी डेवी या देवता क प्रति श्रद्धा को ही भक्ति कहा जाता हैं| भक्ति का पाठ सबके लिए खुला था, चाहे वह धनी हो या गरीब, ऊँची जाति का हो या नीची जाति का. स्त्री हो या पुरूष|
2. भक्ति मार्ग अपनाने वाले लोग आडंबर के साथ पूजा - पाठ करने के बजाए ईश्वर के प्रति लगन और व्यक्तिगत पूजा पर जोर देते थे|
3. भक्ति परंपरा ने चित्रकला, शिक्पकला और स्थापत्य कला के माध्यम से आभिव्यक्ति की प्रेरणा दी हैं|
प्रश्न: चीनी तीर्थयात्री भारत क्यों आए? कारण बताओ|
उत्तर: चीनी बौद्ध तीर्थयात्री फा - शिएन, इत्सिन और श्वेन त्यांग भारत की यात्रा पार आए थे| वे सब बृद्ध के जीवन से जुडी - जगहों और प्रसिद्ध मठों को देखने के लिए आए थे इसलिए वे सबसे पहले बृद्ध के जीवन से जुडी जगहों से परिचित हुए| वे प्रसिद्ध मठों को देखने गए| उन्होंने किताबों और बृद्ध की मूर्तियों को परिचित हुए| वे प्रसिद्ध मठों को देखने गए| उन्होंने किताबों और बृद्ध की मूर्तियों को इकठ्ठा किया| श्वेन त्यांग तथा अन्य तीर्थयात्रियोंने उस समय के सबसे प्रसिद्ध बौद्ध विघा केंद्र नालंदा (बिहार) में अध्ययन किया| यह उस समय का प्रसिद्ध बौद्ध मठ था|
प्रश्न: साधारण लोगों का भक्ति के प्रति आकर्षित होने का कौन - सा कारण होता हैं?
उत्तर: साधारण लोग भक्ति मार्ग या परंपरा की और इसलिए आकर्षित हुए, क्योंकि हमारी वैदिक परंपरा बहुत कठोर थी, इसमें जाती व वर्गें को ध्यान में रखा गया था| यह कुछ लोगों को ही पूजा करने की अनुमति नहीं देता था| वे मंदिर में भी प्रवेश नहीं कर सकते थे, लेकिन भक्ति का पाठ सबके लिए खुला था, चाहे वह धनी हो या गरीब, ऊँची जाती का हो या नीची जाती का, स्त्री हो या पुरूष|
प्रश्न: तुम बाज़ार से क्या - क्या सामान खरीदती हो उनकी एक सूची बनाओ| बताओ कि तुम जिस शहर या गाँव में रहती हो, वहाँ इनमें से कौन - कौन सी चीजें बनी थी और किन चीजों को व्यापारी बाहर से लाए थे?
उत्तर: बाज़ार से खरीदी गई वस्तुओं की सूची -
1. कपडे
2. मिट्टी से बनी वस्तुएँ
3. चावल
4. जूते
5. किताबे
ऊपर दि गई वस्तुओं में किताबे, कपडे तथा जूते व्यापारियों द्वारा बाहर से लाए जाते हैं, जबकि मिट्टी से बनी वस्तुएं व चावल शहर या गाँव में ही उपलब्ध होते हैं|
प्रश्न: आज भारत में लोग बहुत तीर्थयात्राएँ करते हैं| उनमें से एक के विषय में पता करों और एक संक्षिप्त विवरण दो| (संकेत: तीर्थयात्रा में स्त्री, पुरूष या बच्चों में से कौन जा सकते हैं? इसमें कितना वक्त लगता हैं? लोग किस तरह यात्रा करते हैं| वे अपनी यात्रा के दौरान क्या - क्या लि जाते हैं? तीर्थ स्थान पार पहुँचकर वे क्या करते हैं? क्या वे वापिस आते समय कुछ लाते हैं?)
उत्तर: लोग बहुत सारे स्थानों पर पूजा (तीर्थयात्राएँ) करते हैं, इनमें से एक स्थान हरिद्वार हैं| यह हिंदुओं के लिए प्रसिद्ध स्थान हैं, यहाँ हर कोई व्यक्ति जा सकता हैं| यह लोगों के लिए इसलिए महत्त्वपूर्ण हैं, क्योंकि यहाँ गंगा नदी पहाड़ों से निकलकर मैदानों में प्रवेश कराती हैं और लोग इस स्थान पार धार्मिक स्नान कर सकते हैं| गंगा का उदगम हिमालय में हुआ हैं, यहाँ भगवान शिव और अन्य देवी - देवताओं के बहुत सारे मंदिर हैं| सावन के महीने में लोग यहाँ उत्साह के साथ घूमने आते हैं और गंगा जल के साथ भगवान शिव की पूजा करते हैं| वे पवित्र गंगा जल लेकर स्थानों के लिए पैदल यात्रा करते हैं|