अतिरिक्त - प्रश्नोत्तर:
प्रश्न: महापाषाणों के निर्माण के लिए लोगों को कई तरह के काम करने पड़ते थे| हमने जो कार्यां की सूची बनाई हैं उन्हें क्रमबद्ध करो| गड्डे खोदना, शिलाखंडों को ढोकर लाना, बड़े पत्थरों को तराशना और मरे हुए को दफ़नाना|
उत्तर: गड्डे खोदना, मरे हुए को दफ़नाना, शिलाखंडों को ढोकर लाना और बड़े पत्थरों को तराशना|
प्रश्न: क्या हड़प्पा के शहरों में लोहे का प्रयोग होता था?
उत्तर: नहीं, हड़प्पा के शहरों में लोहे का प्रयोग नहीं होता था|
प्रश्न: क्या तुम्हें लगता हैं कि यह किसी सरदार का शव था? अपने जवाब का कारण
बताओ|
उत्तर: हाँ, यह शव किसी सरदार का ही होगा, क्योंकि यह घर अन्य घरों की तुलना में बड़ा था तथा बस्ती के बीचों - बीच में बसा था तथा शव को दफनाने के लिए चार पैर वाले बड़े सन्दूक का प्रयोग किया गया था|
प्रश्न: तुम्हारे अनुसार शरीर के बारे में उन्होंने इतनी विस्तृत जानकरी कैसे इकठ्ठा की होगी?
उत्तर: शायद वैघ चरक ने किसी व्यकित के मृत शरीर की चीड - फास करके यह जानाकरी एकत्रित की होगी| एटलस में चीन को देखिए| लगभग 3500 साल पहले हम यहाँ की लेखन कला क सबसे पुराने उदाहरण पाते हैं|
यह जानवरों की हड्डियों पर लिखा गया था| इन्हें भविष्यवाणी करने वाली हड्डियाँ कहा जाता हैं, क्योंकि यह मान्यता थी कि ये भविष्य बताती हैं| रजा लोग लिपिकारों से इन हड्डियों पर सवाल लिखवाते थे - क्या वे युद्ध जीतेंगे? क्या फसलें अच्छी होगीं? क्या उन्हें पुत्र होंगे? फिर इन हड्डियों को आग में दाल दिया जाता था, जहाँ इनमें गर्मी से चटककर दरारें पड़ जाती थीं| भविष्यवक्ता इन दरारों को बड़े ध्यान से देखकर भविष्यवाणी करने की कोशिश करते थे| जैसा शायद तुम भी सोच रही होगी ये भविष्यवक्ता कभी - कभी गलती भी करते थे|
ये राजा शहरों में महल बनाकर रहते थे| उन्होंने बेशुमार दौलत इकट्ठी कर लि थी जिनमें बड़े - बड़े नक्काशी किए हुए कांसे के बर्तन शामिल थे, लेकिन वे लोहे का इस्तेमाल करना नहीं जानते थे|
प्रश्न: ॠग्वेद के राजा और इन राजाओं के बीच कोई एक फ़र्क बताइए|
उत्तर: ॠग्वेद के राजा बड़ी राजधानियों व महलों में नहीं करते थे, जबकि चीन के राजा शहरों में महल बनाकर रहते थे|