अध्याय - समीक्षा
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आखेटक - खाद्य संग्राहक पृथ्वी पर बीस लाख साल पहलें रहा करतें थें |जिसे पूरापाषण काल कहा जाता है | भोजन का इंतजाम करने की विधि के आधार पर उन्हें इस नाम से पुकारा जाता है। - आखेटक - खाद्य संग्राहक आमतौर पर खाने के लिए जंगली जानवरों का शिकार करते थे,मछलियाँ और चिडि़या पकड़ते थे, फल-मूल, दाने, पौध-पत्तियाँ, अंडे इक्टठा किया करते थे।
- आखेटक - खाद्य संग्राहको के लिए पेड़ - पौधों से मिलने वाले खाद्य पदार्थ भोजन के महत्वपूर्ण स्रोत थे |
- आखेटक - खाद्य संग्राहक समुदाय के लोग भोजन की तलाश में , जानवरों के शिकार के लिए ,भोजन के लिए मौसमी फल - फूल की तलाश में और पानी की तलाश में इधर - उधर घूमतें रहतें थें |
- ये अपने काम के लिए पत्थरों , लकड़ियों और हड्डियों के औजार बनाते थे |
- आखेटक - खाद्य संग्राहक पत्थर के औजारों का प्रयोग फल-फूल ,हड्डियां और मांस काटने के लिए , पेड़ों की छाल , जानवरों की खाल उतारने के लिए और लकड़िया काटने के लिए करते थे |
- आखेटक - खाद्य संग्राहक कुछ के साथ हड्डियों या लकडि़यों के मुट्ठे लगाकर भाले और बाण जैसे हथियार बनाते थे।
- आखेटक - खाद्य संग्राहक लकडि़यों का उपयोग ईंधन के साथ-साथ झोपडि़याँ और औजार बनाने के लिए करते थे।
- वह स्थान जहाँ लोग पत्थरों से औजार बनाते थे, उन स्थानो को उद्योग - स्थल कहते है |
- आवासीय पुरास्थल उन स्थानों को कहते है जहाँ लोग रहा करतें थे |
- आवासीय पुरास्थलो में आखेटक - खाद्य संग्राहक इसलिए रहा करते थे क्योकि यहाँ उन्हें बारिश , धुप और हवाओ से राहत मिलती थी |
- आवासीय पुरास्थलो जैसी प्राकृतिक गुफाएँ विंध्य और दक्कन के पर्वतीय इलाको में मिलती है जो नर्मदा नदी के पास है |
- पुरास्थल उस स्थान को कहते हैं जहाँ औजार, बर्तन और इमारतों जैसी वस्तुओं वेफ अवशेष मिलते हैं। ऐसी वस्तुओं का निर्माण लोगों ने अपने काम के लिए किया था और बाद में वे उन्हें वहीं छोड़ गए।
- 'दबाव शल्क-तकनीक’ पाषण औजार का निर्माण करनें की दो विधियों में से ही एक है , जिसमें क्रोड को एक स्थिर सतह पर टिकाया जाता है और इस करोड़ पर हड्डी या पत्थर रखकर उस पर हथौड़ी के आकार वाले पत्थर से शल्क निकाले जाते हैं जिससे मानचाहा आकार वाला उपकरण बन जाता था |
- आखेटक - खाद्य संग्राहक आग का उपयोग कई कार्यो के लियें करतें थे जैसे कि प्रकाश के लिए , मांस पकानें के लिए और खतरनाक जानवरों को दूर आदि भागनें के लिए |
- लगभग 10,000 साल पहले के युग को नवपाषाण युग कहा जाता है |
- आरंभिक लोग शिकार तथा फल-मूल का संग्रह किया करते थे। वे पत्थरों के औजार और गुफाओं में चित्र बनाते थे।