अभ्यास प्रश्नावली :-
Q 1. नीचे कुछ घटनाओं की सूची दी गई है। इनमें से किसको आप संघवाद की कार्य प्रणाली के रूप में चिह्नित करेंगे और क्यों?
(क) केंद्र सरकार ने मंगलवार को जीएनएलएफ के नेतृत्व वाले दार्जिलिंग गोरखा हिल काउंसिल को छठी अनुसूची में वर्णित दर्जा देने की घोषणा की।
(ख) वर्षा प्रभावित प्रदेशों के लिए सरकार कार्य-योजना लाएगी।
(ग) दिल्ली के लिए नए आयुक्त।
(घ) मणिपुर विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा।
(ड) केंद्र ने धन दिया।
(च) हम बिहारियों को बताएँगे कि मुंबई में कैसे रहना है।
(छ) सरकार को भंग करने की माँग। ।
(ज) एनडीए सरकार ने नक्सलियों से हथियार रखने को कहा।
उत्तर :
उदाहरण 'क' में सही संघीय प्रणाली की स्थिति पायी जाती है क्योंकि इससे सास्कृतिक व भौगोलिक समीपता के आधार पर स्वायत्त परिषद का निमार्ण कर शक्तियों का बटवारा किया है जिससे उन निश्चित क्षेत्र का वहां के स्थानीय लोगों की इच्छा व अपेक्षाओं के अनुसार विकास हो सके |
दूसरा उदाहण 'ख' भाग भी है वास्तविक संघीय प्रणाली की स्थिति लो दर्शाता है जिसमे केंद्र उन राज्यों से खर्चों का ब्यौरा मांगता है जो वर्षा से अधिक प्रभावित हुए है ताकि उनको आवश्यक सहायता दी जा सके |
तीसरा उदाहरण 'घ' में भी वास्तविक संघीय प्रणाली की स्थिति है क्योंकि इसमें भी अरुणाचल प्रदेश की पानी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए आवश्यक धन की व्यवस्था कि है |
Q 2. बताएँ कि निम्नलिखित में कौन-सा कथन सही होगा और क्यों?
(क) संघवाद से इस बात की संभावना बढ़ जाती है कि विभिन्न क्षेत्रों के लोग मेल-जोल से रहेंगे और उन्हें इस बात का भय नहीं रहेगा कि एक की संस्कृति दूसरे पर लाद दी जाएगी।
(ख) अलग-अलग किस्म के संसाधनों वाले दो क्षेत्रों के बीच आर्थिक लेनदेन को संघीय प्रणाली से बाधा पहुंचेगी।
(ग) संघीय प्रणाली इस बात को सुनिश्चित करती है कि जो केंद्र में सत्तासीन हैं उनकी शक्तियाँ सीमित रहें।
उत्तर :
पहला कथन सही है क्योंकि संघीय प्रणाली में सभी को अपनी - अपनी संस्कृति के विकास का पूरा अवसर प्राप्त होता है जिसमे यह भी भय नही रहता है कि किसी पर दुसरे की संस्कृति लाद दी जायेगी | .
तीसरा कथन भी सही है क्योंकि संघीय प्रणाली में श्कितियों का केंद्र व प्रान्तों में बंटवारा करके केद्रं की शक्तियों को सीमित किया जाता है |
Q3. बेल्जियम के संविधान के कुछ प्रारंभिक अनुच्छेद नीचे लिखे गए हैं। इसके आधार पर बताएँ कि बेल्जियम में संघवाद को किस रूप में साकार किया गया है। भारत के संविधान के लिए ऐसा ही अनुच्छेद लिखने का प्रयास करके देखें।
शीर्षक-1: संघीय बेल्जियम, इसके घटक और इसका क्षेत्र
अनुच्छेद-1 - बेल्जियम एक संघीय राज्य है - जो समुदायों और क्षेत्रों से बना है।
अनुच्छेद -2 - बेल्जियम तीन समुदायों से बना है - फ्रैंच समुदाय, फ्लेशिया समुदाय और जर्मन समुदाय।
अनुच्छेद-3 - बेल्जियम तीन क्षेत्रों को मिलाकर बना है - वैलून क्षेत्र, फ्लेमिश क्षेत्र और ब्रूसेल्स क्षेत्र |
अनुच्छेद- 4 - बेल्जियम में 4 भाषाई क्षेत्र हैं - फ्रैंच -भाषी क्षेत्र, डच-भाषी क्षेत्र ,बू्रसेल्स की राजधनी का द्विभाषी क्षेत्र तथा जर्मन भाषी क्षेत्र । राज्य का प्रत्येक ‘कम्यून’ इन भाषाई क्षेत्रों में से किसी एक का हिस्सा है।
अनुच्छेद- 5- वैलून क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले प्रांत हैं - वैलून ब्राबैंट, हेनॉल्ट, लेग,लक्जमबर्ग और नामूर। फ्लेमिश क्षेत्र के अंतर्गत शामिल प्रांत हैं - एंटीवर्प, फ्लेमिश ब्राबैंट, वेस्ट फ्रलैंडर्स, ईस्ट फ्रलैंडर्स और लिंबर्ग।
उत्तर :
बेल्जियम के विवरण से यह स्पष्ट है कि बेल्जियम समाज एक बहुसंख्यक समाज है जिसमे विभिन्न जाति , भाषा, बोली, के लोग रहते है जो अलग - अलग क्षेत्रों व प्रान्तों में रहते हैं |
भारतीय समाज के संघीय समाज है जिसमे विभिन्न जाति, धर्म, संस्कृति,बोली व भाषा के लोग रहते हैं जिसमे अनेक भौगोलिकताएं है | भारत ऐसे 29 राज्यों का संघ है| भारत में राज्यों का निर्माण भाषा के आधार पर किया गया है | भारत में संघीय शासन प्रणाली है परन्तु इसमें अनेक एकात्मक तत्व है जिनको भारतीय एकता, अखंडता की सुरक्षा के लिए शामिल किया गया है | संविधान की स्कीम के आधार पर केंद्र व प्रान्तों में शक्तियों का बंटवारा किया गया है | राज्य अपने क्षेत्र में प्रभावकारी है परन्तु मुख्य विषयों पर केंद्र को शक्तिशाली बनाया गया है | शक्तियों का बंटवारा भी केंद्र के पक्ष में अधिक है यद्ध्पी प्रशासन के क्षेत्र में व विकास के क्षेत्र में केंद्र व प्रान्त आपसी सहयोग के आधार पर काम करते है |
Q4. कल्पना करें कि आपको संघवाद के संबंध् में प्रावधान लिखने हैं। लगभग 300 शब्दों का एक लेख लिखें जिसमें निम्नलिखित बिंदुओं पर आपके सुझाव हों -
(क) केंद्र और प्रदेशों के बीच शक्तियों का बँटवारा
उत्तर :
बहुल समाज में सभी वर्गो के विकास के लिए व उनके हितों की रक्षा के लिए प्रजातंत्र संघीय शासन प्रणाली अत्यंत आवश्यक है | संघीय ढांचे का निर्माण संविधान की योजना के आधार पर तय किया जाना चाहिए |
(ख) वित्त - संसाधनों का वितरण
उत्तर :
संघीय शासन प्रणाली की प्रमुख विशेषता केंद्र व प्रान्तों के बीच शक्तियों के बँटवारे से है | संघ का निर्माण संघीय सिद्धांतों के आधार पर होना चाहिए जिसमे संघ राज्यों की मर्जी पर आधारित होना चाहिए | प्रांतीय व क्षेत्रीय विषयों पर राज्यों का नियन्त्रण होना चाहिए | संघ के पास केवल राष्ट्रिय व अंतराष्ट्रीय महत्व होना चाहिए |
(ग) राज्यपालों की नियुक्ति
उत्तर :
राज्यपाल राज्यों का संवैधानिक मुखिया होता है जिसकी नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है | राष्ट्रपति राज्यपालों की नियुक्ति केन्द्रीय सरकार की सलाह पर करता है | राज्यपाल राज्यों में महत्वपूर्ण पद है जो सवैधानिक मुखिया के साथ - साथ केंद्र के एजेंट के रूप में कार्य करता है | राज्यपाल के पद की इस स्थिति के कारण इसका रानितिकरण हो गया है अत : संघीय व्यवस्था की सफलता के लिए आवश्यक है कि इस पद का दुरूपयोग ना हो व राज्यपाल की नियुक्ति में राज्यों के मुख्यमंत्री का परामर्श लिया जाना चाहिए व इस पद योग्य व निष्पक्ष व्यक्तियों की नियुक्ति की जानी चाहिए |
Q5. निम्नलिखित में कौन-सा प्रांत के गठन का आधर होना चाहिए और क्यों?
(क) सामान्य भाषा
(ख) सामान्य आर्थिक हित
(ग) सामान्य क्षेत्रा
(घ) प्रशासनिक सुविधा
उत्तर :
यद्ध्पी अभी तक भारत में राज्यों का गठन 1956 के कानून के आधार पर भाषा के आधार पर होता है परन्तु वर्तमान परिस्थिति में प्रशासनिक सुविधा को राज्यों के पुनर्गठन का प्रमुख आधार पर माना जाता है ताकि लोगों को अच्छा व कुशल शासन प्रदान किया जा सके जिसमे स्थानीय लोगों का विकास भी संभव हो सके |
Q6. उत्तर भारत के प्रदेशों - राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश तथा बिहार के अधिकांश लोग हिंदी बोलते हैं। यदि इन सभी प्रांतों को मिलाकर एक प्रदेश बना दिया जाय तो क्या ऐसा करना संघवाद के विचार से संगत होगा? तर्क दीजिए।
उत्तर :
यदि उत्तर भारत के प्रदेशों राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश तथा बिहार जोकि सभी हिंदी भाषी है, सभी को मिला दिया जाये तो भाषीय व सांस्कृतिक दृष्टि से तो वे सब एक ईकाई के रूप में इकठ्ठे हो सकते है परन्तु प्रशासनिक सुविधा है | हल में छतीसगढ़ उत्तरांचल व झारखण्ड का निर्माण प्रशासनिक सुविधा के आधार पर ही किया गया है |
Q7. भारतीय संविधान की ऐसी चार विशेषताओं का उल्लेख करें जिसमें प्रादेशिक सरकार की अपेक्षा केन्द्रीय सरकार को ज्यादाशक्ति प्रदान की गई है।
उत्तर :
निम्न चार ईएसआई विशेशताएँ है जिनके आधार पर केंद्र अधिक शक्तिशाली बनाया गया है :-
(i) केंद्र के पक्ष में शक्तियों का बंटवारा
(ii) राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियाँ
(iii) राज्यों में राष्ट्रपति शासन की व्यवस्था
(iv) अखिल भारतीय सेवाओं की भूमिका
Q8. बहुत- से प्रदेश राज्यपाल की भूमिका को लेकर नाखुश क्यों हैं?
उत्तर :
भारतीय रजनीति में सबसे चर्चित पद राज्यपाल का पद है | अधिकांश राज्यों को अपने यहाँ के राज्यपालों से किसी कारण से शिकायत रहती है इसका एक प्रमुख कारण यह हैं कि अधिकाश राज्यपालों की राजनितिक पृष्ठभूमि होती है जिसके आधार पर उनकी केंद्र के शासक दल के द्वारा उनकी नियुक्ति होती है | अत : ये राज्यपाल निरपेक्ष रूप से अपने कर्तव्यों को पूरा नहीं करते है | इनकी भूमिका केंद्र के एजेंट के रूप में होती है जिसके आधार इनकी जिम्मेदारी केन्द्रीय हितों की रक्षा करना होता है परन्तु ये केंद्र की सरकार के दल के हितों के रक्षक बन जाते है जिससे राज्यों की सरकारों व राज्यपालों में टकराव पैदा हो जाता है |
Q9. यदि शासन संविधान के प्रावधानों के अनुकूल नहीं चल रहा, तो ऐसे प्रदेश में राष्ट्रपति-शासन लगाया जा सकता है। बताएँ कि निम्नलिखित में कौन-सी स्थिति किसी प्रदेश में राष्ट्रपति-शासन लगाने के लिहाज से संगत है और कौन-सी नहीं। संक्षेप में कारण भी दें।
(क) राज्य की विधान सभा के मुख्य विपक्षी दल के दो सदस्यों को अपराधियों ने मार दिया है और विपक्षी दल प्रदेश की सरकार को भंग करने की माँग कर रहा है|
(ख) फिरौती वसूलने के लिए छोटे बच्चों के अपहरण की घटनाएँ बढ़ रही हैं। महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में इजाफा हो रहा है।
(ग) प्रदेश में हुए हाल के विधान सभा चुनाव में किसी दल को बहुमत नहीं मिला है। भय है कि एक दल दूसरे दल के कुछ विधयिकों से धन देकर अपने पक्ष में उनका समर्थन हासिल कर लेगा।
(घ) केंद्र और प्रदेश में अलग-अलग दलों का शासन है और दोनों एक-दूसरे के कट्टर शत्रु हैं।
(ड) सांप्रदायिक दंगे में 200 से ज्यादा लोग मारे गए हैं।
(च) दो प्रदेशों के बीच चल रहे जल विवाद में एक प्रदेश ने सर्वोच्च न्यायालय का आदेश मानने से इनकार कर दिया है।
उत्तर :
उपरोक्त परिस्थियों में (ग) में दिया गया उधाह्र्ण राष्ट्रपति शासन लागु करने के लिए सबसे अधिक उपयुक्त है जैसा की हल में बिहार में हुआ है | ऐसी स्थिति में जब चुनाव के बाद किसी भी दल को आवश्यक बहुमत प्राप्त ना हो तो इस बात की संभावना बढ़ जाति है की राजनितिक दल सरकार बनाने के प्रयास में जोड़ - तोड़ की राजनीती व एम्. एल. ए. के खरीद फरोख्त प्रारम्भ क्र दे |
Q10. ज्यादा स्वायत्तता की चाह में प्रदेशों ने क्या माँगें उठाई हैं?
उत्तर :
1960 से लगातार विभिन्न राज्यों से प्रांतीय स्वतंत्रता की मांग लगातार उठायी जाती रही है | पशिचमी बंगाल,पंजाब,तमिलनाडु, जम्मू कश्मीर व कुछ उत्तर पूर्वी राज्यों से विशेष रूप से यह माग आती रही है जिसमे प्रमुख रूप से निम्न मांगे है |
(1) केंद्र व राज्यों के मध्य शक्तियों का बंटवारा प्रान्तों के पक्ष में होना चाहिए |
(2) राज्यों की केंद्र पर आर्थिक निर्भरता नहीं होनी चाहिए |
(3) राज्यों के मामलों में केंद्र का कम से कम हस्तक्षेप होना चाहिए |
(4) राज्यपाल के पद का दुरूपयोग नहो होना चाहिए व राज्यपाल की नियुक्ति में राज्यों में मुख्यमंत्रियों का परामर्श का लिया जाना चाहिए |
(5) सास्कृतिक स्वायत्तता होनी चाहिए |
(6) संवैधानिक संस्थाओं का दुरूपयोग नही होना चाहिए |