महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर:
प्रश्न 1: ज्वारीय ऊर्जा को किस प्रकार उपयोग में लाया जा सकता हैं?
उत्तर : ज्वारीय ऊर्जा का प्रयोग ऊर्जा उत्पन के लिए किया जा सकता हैं|
उपयोग- ज्वारीय ओर्र्जा का प्रयोग करने के लिए छिछली खाड़ी में बांध बनाते हैं| ज्वार चड़ने के समय पानी का तल बढ़ना आरम्भ होता हैं और जब उतार के समय पानी का ताल बढ़ना आरम्भ होता हैं, बाँध के दरवाजे बंद कर देते हैं जिससे पानी का तल बाहर से ऊंचा हो जाता हैं| तब बाँध के दरवाजे खोलकर पानी को तेज़ी से बहने देते हैं, जो टर्बाइन के ब्लेड पर गिरता हैं, जिससे जनित्र का अर्मेचुर घूमता हैं तथा विद्युत उत्पन्न होती हैं|
प्रश्न 2: बोक्सनुमा तथा संक्रेंदक सौर कुकर में अन्तर लिखिए|
उत्तर:
बोक्सनुमा सौर कुकर | संक्रेंदक सौर कुकर |
(i) इसमें परावर्तक समतल दर्पण का उपयोग होता हैं| | (i) इसमें परावर्तक अवतल दर्पण का उपयोग होता हैं| |
(ii) इसका प्रयोग रोटी बनाने व फ्राई करने में नहीं किया जा सकता| | (ii) इसका प्रयोग रोटी बनाने व फ्राई करने में किया जा सकता| |
(iii) इसमें प्राप्त ताप ऊर्जा की मात्रा (100oC - 140oC ) होती हैं| | (iii) इसमें प्राप्त ताप ऊर्जा की मात्रा (180oC - 200oC ) होती हैं| |
प्रश्न 3: पवन ऊर्जा के दो उपयोग व दो सीमाएँ लिखिए|
उत्तर: उपयोग:
(i) यह ऊर्जा का नवीकरणीय स्रोत हैं|
(ii) हालाँकि इसका प्रारंभिक मूल्य अधिक हैं , किन्तु इसको चलाने का मूल्य कम हैं|
सीमाएँ:
(i) पवन चक्की वहीं पर स्थापित की जा सकती हैं जहाँ पर पवन का वेग कम-से-कम 15km/h हो तथा वायु लगभग वर्ष भर बहती हो|
(ii) पवन ऊर्जा फर्मो के लिए भूमि का काफी बड़ा क्षेत्र होना आवश्यक हैं|
प्रश्न 4: लकड़ी का कोयला (चारकोल) लकड़ी से अधिक उत्तम क्यों माना जाता हैं? लकड़ी को कोयलें में परिवर्तित करने में क्या हानियाँ हैं?
उत्तर: चारकोल को उत्तम साधन माना जाता हैं क्योंकि
(i) इसका ऊष्मीय मान लकड़ी से अधिक हैं|
(ii) यह कम धुंआ मुक्त करता हैं|
(iii) यह हल्का ईंधन हैं|
(iv) इसका भण्डारण आसान हैं|
हानियाँ:- 1 kg लकड़ी के भंजक आसवन से केवल 0.25 kg चारकोल प्राप्त होता हैं| इस तरह अधिक मात्र में चारकोल प्राप्त करने हेतु बहुत अधिक संख्या में पेड़ो को काटना होगा|
(ii) यह खर्चीला होने के साथ- साथ पर्यावरण में भी असंतुलन उत्पन्न करेगा|
प्रश्न 5: जैव गैस कैसे प्राप्त होती हैं?
उत्तर: (i) इनलेट टैंक में गोबर व पानी उचित मात्रा में मिलाकर स्लरी बनाते हैं|
(ii) इनलैट पाइप द्वारा स्लरी को मुख्य संपाचक में भेज दिया जाता हैं|
(iii) संपाचक में अनौक्सी सूक्ष्म जीव जैव मात्र का अपघटन क्र देते हैं|
(iv) इस क्रिया द्वारा जो गैस बनती हैं वह बायोगैस होती हैं|
(v) इस गैस को प्लवी टंकी में इकत्र कर लिया जाता हैं|