ग्राफ रचना के नियम :
(i) दिए गए ग्राफ का उपयुक्त एवं स्पष्ट शीर्षक होना चाहिए |
(ii) ग्राफ बनाने से पहले दिए गए आँकड़ों के अनुसार एक उपयुक्त पैमाने की चुनाव कर लेना चाहिए |
(iii) पैमाना ऐसा होना चाहिए जिससे सभी आँकड़े प्रदर्शित किये जा सके |
(iv) ग्राफ बनाते समय जहाँ तक संभव हो x-अक्ष, y अक्ष की तुलना में डेढ़ गुनी लंबी होनी चाहिए |
(v) आर्थिक एवं व्यावसायिक आँकड़े प्राय: धनात्मक होते है | इसलिए मूल बिंदु ग्राफ पेपर के नीचे एवं बायीं ओर रखा जाता है |
(vi) x अक्ष क्षैतिज रेखा होती है और y अक्ष उर्ध्वाधर रेखा होती है |
(vii) ग्राफ पेपर पर बिन्दुओं को अंकित करने के बाद बिन्दुओं को मिला देना चाहिए एवं रेखा कही मोटी और कही पतली नहीं होनी चाहिए |
(viii) ग्राफ के साथ-साथ आँकड़ों की सारणी भी देनी चाहिए ताकि बनाये गए ग्राफ की शुद्धता की जाँच की जा सके |
ग्राफ के प्रकार:
चर के अनुसार ग्राफ के दो प्रकार होते है |
(i) एक चर वाला ग्राफ
(ii) दो चर वाला ग्राफ