1. पालमपुर गाँव की कहानी
प्रश्न1: भारत में जनगणना के दौरान दस वर्ष में एक बार प्रत्येक गाँव का सर्वेक्षण किया जाता है | पालमपुर से संबंधित सूचनाओं के आधार पर निम्न तालिका को भरिये :
(क) अवस्थिति क्षेत्र
(ख) गाँव का कुल क्षेत्र
(ग) भूमि का उपयोग (हेक्टेयर में )
(घ) सुविधाएँ
उत्तर:
(क) अवस्थिति क्षेत्र : पडोसी गाँवों व कस्बों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है | निकटतम छोटा क़स्बा सहपुर एवं निकटतम बड़ा गाँव रायगंज है |
(ख) गाँव का कुल क्षेत्र : 200 + 50 + 26 = 276 हैक्टेयर
(ग) भूमि का उपयोग (हेक्टेयर में)
(घ) सुविधाएँ : शैक्षिक
प्रश्न2 : खेती की आधुनिक विधियों के लिए ऐसे अधिक आगतों की आवश्यकता होती है, जिन्हें उद्योगों में विनिर्मित किया जाता है, क्या आप सहमत है ?
उत्तर : हाँ, आधुनिक कृषि तरीको को कारखानों में निर्मित अधिक संसाधन चाहिए| HYV बीजों को अधिक पानी चाहिए और इसके साथ बेहतर नतीजों के लिए रासायनिक खाद, कीटनाशक भी चाहिए| किसान सिंचाई के लिए नलकूप लगते हैं| ट्रैक्टर एवं भैसर जैसी मशीनें भी प्रयोग की गयी| HYV बीजो की सहायता से गेहूं की पैदावार 1300 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर से बढकर 3200 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर तक हो गयी और जब किसानो के पास बाज़ार में बेचने के लिए अधिक मात्रा में फालतू गेंहूँ हैं|
प्रश्न3 : पालमपुर में बिजली के प्रसार ने किसानों की किस तरह मदद की ?
उत्तर: पालमपुर में बिजली के प्रसार ने किसानों की मदद निम्नलिखित तरह की :-
(i) बिजली के प्रसार से सिंचाई करने में आसानी हो गई| इससे पहले वे रहट के द्वारा सिचाई करते थे जो अत्यधिक प्रभावशाली तरीका नहीं था|
(ii) बिजली का अधिक से अधिक उपयोग करके वे अपने कृषि उत्पादन को बढ़ा सकते थे और पूरे वर्ष विभिन्न फसलों को उगा सकते हैं|
(iii) सिचाई के लिए कुओं से पानी खीचना आसान हो गया| अब उन्हें मानसून की वर्षा प्र निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं|
प्रश्न4 : क्या सिंचित क्षेत्र को बढ़ाना महत्वपूर्ण है ? क्यों ?
उत्तर: सिंचित क्षेत्र को बढ़ाना महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत में मानसून की बरसात अनिश्चित व भ्रमणशील हैं| कृषि के अंतर्गत आने वाले भूमि किसानो के लिए पर्याप्त नहीं हैं| यदि किसानो को सिंचित भूमि खेती के लिए उपलब्ध हो जाति हैं तो वो थोड़ी जमीन पर ही अधिक उत्पादन कर सकते हैं|
प्रश्न5 : पालमपुर के 450 परिवारों में भूमि के वितरण की एक सारणी बनाइए |
उत्तर:
भूमिहीन परिवार | 150 (दलित) |
2 हैक्टेयर से कम भूमि वाले परिवार | 180 परिवार |
2 हैक्टेयर से अधिक भूमि वाले परिवार | 95 परिवार |
10 हैक्टेयर से अधिक भूमि वाले परिवार | 25 परिवार |
कुल | 450परिवार |
प्रश्न6 : पालमपुर में खेतिहर श्रमिकों की मजदूरी न्यूनतम मज़दूरी से कम क्यों है ?
उत्तर: पालमपुर में खेतिहर मजदूरों में काम के लिए परस्पर प्रतिस्पर्धा हैं| इसलिए लोग कम दरों पर मजदूरी के लिए तैयार हो जाते हैं|
प्रश्न7 : अपने क्षेत्र में दो श्रमिकों से बात कीजिए | खेती में काम करने वाले या विनिर्माण कार्य में लगे मज़दूरों में से किसी को चुनें | उन्हें कितनी मज़दूरी मिलाती है ? क्या उन्हें नकद पैसा मिलता है या वस्तु-रूप में ? क्या उन्हें नियमित रूप से काम मिलता है ? क्या वे कर्ज में है ?
उत्तर: मैंने दों मजदूर जो एक खेत में कार्य करता हैं और दूसरा जो विनिर्माण कार्य में काम करता हैं से बात की | उनको मजदूरी ,में 100-150 रूपये मिलते हैं| उन्हें नगद पैसे तो मिलता हैं परन्तु नियमित रूप से काम नही मिलता| कम मजदूरी के कारण वे परिवार का भरण-पोषण कठिनाई से कर पाते है और कर्ज़ में डूबे रहते हैं|
प्रश्न8 : एक ही भूमि पर उत्पादन बढ़ाने के अलग-अलग कौन से तरीके हैं ? समझाने के लिए उदाहरणों का प्रयोग कीजिए |
उत्तर: एक ही भूमि पर उत्पादन बढ़ाने के निम्नलिखित तरीके हैं :-
(i) आधुनिक विधियों को अपनाकर उत्पादन बढ़ाया जा सकता हैं|
(ii) बहुविध फसल प्रणाली कृषि उत्पादन बढ़ाने का सबसे बढिया तरीका हैं|
(iii) उन्नत किस्म के यानि बढिया किस्म के बीज अपनाकर |
(iv) उचित समय पर उर्वरक, रासायनिककखाद, सिंचाई के आधुनिक तरीके अपनाकर एवं कीटनाशक दवाइयों का उपयोग करके|
प्रश्न9 : एक हेक्टेयर भूमि के मालिक किसान के कार्य का ब्यौरा दीजिए |
उत्तर: एक हैक्टेयर 100 मीटर की भुजा वाले वर्गाकार भूमि के टुकड़े के क्षेत्रफल के बराबर हैं| किसान जो एक हैक्टेयर भूमि पर काम करते हैं वह अपनी दोनों समय के खाने का प्रबंध नहीं कर सकता| इसलिए उसे अपने खेतों में काम करने के बाद 35-40 रूपये के हिसाब से किसी बड़े किसान के खेतों में काम करना पड़ता हैं| यदि वह अपने खेत में काम करता तो उसके पास अच्छ्ही क्वालिटी के बीज बीज, खाद व कीटनाशक खरीदने के लिए पैसे न होंगे| इसके लिए उन्हें किसी बड़े किसान से, सहकार या व्यापारी से ऋण लेना होगा|
प्रश्न10 : मझोले और बड़े किसान कृषि से कैसे पूँजी प्राप्त करते हैं ? वे छोटे किसानों से कैसे भिन्न है ?
उत्तर: आधुनिक कृषि तरीकों में बहुत से धन की आवश्यकता होती हैं| मझोले एवं बड़े किसानो कि कुछ अपनी बचत होती हैं| इस प्रकार, वें जरूरी पूँजी का प्रबंध कर लेते हैं| दूसरी और अधिकतर छोटे किसानॉन की पूँजी का प्रबंध करने के लिए बड़े किसानों या व्यापरियों से पैसा उधर लेना पड़ता हैं| इस प्रकार के ऋणों की ब्याज दर भी प्राय: अधिक होती हैं| इस ऋण को वापस करने के लिए उन्हें बहुत म्हणत करनी पड़ती हैं| 2 हैक्टेयर से कम भूमि वाले किसानो को मोझले व बड़े किसानो की युलना में अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता हैं|
प्रश्न 11 : सविता को किन शर्तों पर तेजपाल सिंह से ऋण मिला है ? क्या ब्याज की कम दर पर बैंक से कर्ज मिलने पर सविता की स्थिति अलग होती ?
उत्तर: तेजपाल ने 4 महीनों के लिए 24 प्रतिशत की ब्याज देना पर पैसा देना स्वीकार किया| जो की बहुत ज्यादा ब्याज दर हैं| तेजपाल सिंह, सविता से बैंक की अपेक्षा बहुत अधिक ब्याज लेरहा था| यदि सविता बैंक से उचित ब्याज दर पर ऋण ले पाती तो उसके हालात निश्चय की बेहतर होते|
प्रश्न 12: अपने क्षेत्र के कुछ पुराने निवासियों से बात कीजिए और पिछले 30 वर्षों में सिंचाई और उत्पादक के तरीको में हुए परिवर्तन प्र एक संछिप्त रिपोर्ट लिखिए (वैकल्पिक) |
उत्तर: पुराने निवासियों से बात करने पर पिछले 30 सैलून में सिंचाई और उत्पादन के तरीकों में हुए परिवर्तन से मुझे पता चलता हैं कि 30 वर्ष पहले खेती के पुराने तरीके प्रयोग किये जाते थे| किसान अपने खेतों को बैलो की सहायता से जोतते थे| सिंचाई की बहुत अधिक सुविधाए नहीं थी| वे मानसून की बरसतो पर निर्भर रहते थे जो की बहुत अनियमित होती थी| रहट को उस समय कुओं से पानी निकलने के लिए प्रयोग किया जाता था| किन्तु तकनीक में प्रगति के साथ किसानों ने सिंचाई के लिए नलकूप लगवा लिए हैं और HYV बीजों, रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशको की सहायता से खेती करने लगे हैं| यहाँ तक की खेतो में ट्रैक्टर एवं मशीनों का प्रयोग किया जाता हैं जिसने जुटी एवं फसलो की कटाई को तेज़ कर दिया हैं|
प्रश्न13 : आपके क्षेत्र में कौन से गैर-कृषि उत्पादन कार्य हो रहे हैं ? इनकी एक संक्षिप्त सूची बनाइए |
उत्तर: डेयरी, विनिर्माण, दुकानदारी, परिवहन, मुर्गीपालन, दर्जी, बढई आदि गैर-कृषि उत्पादन कार्य हमारे क्षेत्र में किए जाते हैं|
प्रश्न 14 : गांवों में और अधिक गैर कृषि कार्य प्रारंभ करने के लिए क्या किया जा सकता है ?
उत्तर: हमारे गाँवों की दशा सोचनीय हैं क्योंकि हमारे गाँवों में अत्यधिक लोग कृषि पर निर्भर हैं| जिसमें खेतिहर और किसान शामिल हैं| जबकि भूमि स्थिर हैं जिसपर प्रतिदिन जनसँख्या बढती जा रही हैं| इसलिए गाँवों में गैर - कृषि कार्यो में वृद्धि करना आवश्यक हैं| इसे प्रारम्भ करने के लिए बहुत कुछ किया जा सकता हैं| जैसे कि डेयरी दुकानदारी, विनिर्माण, दर्जी आदि ताकि खेतिहर मजदूरों को काम मिल सके तथा उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार किया जा सके|