अतिरिक्त - प्रश्न:
प्रश्न: प्रगलन भट्टियों में बुट्ज़ स्टील किस तरह बनाया जाता था ?
उत्तर: इन भट्टियों में लोहे को काष्ठ कोयले के साथ मिलाकर मिट्टी की छोटी-छोटी हांडियों में रख दिया था | तापमान के जटिल उतार चढाव को नियंत्रित करते हुए प्रगालक इस्पात की सिल्लियाँ तैयार कर लेते थे | जिनका न केवल भारत बल्कि पश्चिमी और माध्य एशिया में भी तलवार बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था |
प्रश्न: टीपू सुल्तान की तलवार इतनी खास क्यों थी ?
उत्तर:
(i) दरअसल इस तलवार की धार इतनी सख्त एवं पैनी थी कि वह दुश्मनों के लौह कवचों को भी असानी से चिर सकती थी |
(ii) टीपू सुल्तान की तलावार की मुठ पर कुरान की आयतें लिखी हुई थी जिनमें युद्ध के फतह के लिए सन्देश दिए गए थे |
(iii) इस तलवार का यह गुण कार्बन की अधिक मात्रा वाले बुट्ज़ नामक स्टील से पैदा हुआ था जो भारत में बनाया जाता था |
(iv) इस बुट्ज़ स्टील की तलवार बहुत पैनी और लहरदार होती थी !
प्रश्न: दक्षिण भारत में इतनी प्रचलित बुट्ज़ स्टील निर्माण प्रक्रिया 19 वीं सदी तक आते-आते लुप्त क्यों हो गई ?
उत्तर: क्योंकि भारत पर अंग्रेजों की जीत के साथ-साथ ही यहाँ का तलवार और हथियार उद्योग समाप्त हो गया और भारतीय कारीगरों द्वारा बनाए गए लोहे और इस्पात का स्थान इंग्लैंड से आये लोहे और इस्पात ने ले लिया |
प्रश्न: अहमदाबाद में पहला कारखाना कब खुला ?
उत्तर: 1861 ई० में |
प्रश्न: भारत में पहली सूती कपड़ा मील कब उअर कहाँ स्थापित हुआ ?
उत्तर: 1854 ई० में बम्बई में स्थापित हुआ |
प्रश्न: प्रगलन से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर: चट्टान (मिट्टी ) को बहुत ऊँचे तापमान पर गर्म करके धातु तैयार करने या धातु की बनी चीजों को पिघलाने के प्रक्रिया को प्रगलन कहते है |
प्रश्न: धोकनी क्या है ?
उत्तर: धोकनी हवा फेंकने वाला एक यन्त्र है जिसको चलाकर कोयले की आग को हवा दी जाती है |
प्रश्न: धातुमल क्या है ?
उत्तर: धातु को गलाने से पैदा होने वाला कचरा धातुमल कहलाता है |
प्रश्न: चरखा को भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के तिरंगे में कब स्थान दिया गया ?
उत्तर: जब चरखा भारत की पहचान बन गया तब 1931 ई० में उसे तिरंगे के बीच वाली पट्टी में स्थान दिया गया |
प्रश्न: चिप्पीगार कौन थे ?
उत्तर: छापेदार कपड़ा बनाने के लिए बुनकरों को थप्पे से छपाई करने वाले माहिर कारीगरों की जरूरत पड़ती थी इन्ही कारीगरों को चिप्पीगार कहा जाता था |
प्रश्न: बुनाई के लिए प्रसिद्ध समुदायों के नाम बताइए |
उत्तर:
(i) बंगाल के तांती बुनकर
(ii) उत्तर भारत के जुलाहा एवं मोमीन बुनकर
(iii) दक्षिण भारत के साले एवं कैकोल्लार बुनकर
प्रश्न: आधुनिक विश्व के औधोगिक क्रांति के लिए कौन सी उद्योग जवाबदेह थी ?
उत्तर:
(i) वस्त्र एवं कपड़ा उद्योग |
(ii) लौह एवं इस्पात उद्योग |
प्रश्न: औपनिवेशिक काल में भारतीय कपड़ा उद्योग को कौन-कौन सी समस्याओं का सामना करना पड़ा ?
उत्तर:
(i) इस उद्योग को ब्रिटेन से आये सस्ते कपड़ों का मुकाबला करना पड़ता था |
(ii) औपनिवेशिक सरकार द्वारा इस उद्योग के संरक्षण के लिए कोई सुरक्षा नहीं दी गई थी |
प्रश्न: प्रथम विश्व के दौरान भारतीय सूती वस्त्र उद्योग को किन कारणों से फलने-फूलने का अवसर मिला ?
उत्तर:
(i) ब्रिटेन की सभी औद्योगिक कम्पनियाँ विश्व युद्ध के लिए साजों-समान तैयार करने में लग गई | वहाँ का वस्त्र उद्योग कमजोर पड़ गया और भारत में वस्त्र का आयत कम हो गया जिससे भारतीय कपड़ों की मांग भारत में बढ़ गई |
(ii) ब्रिटेन द्वारा सैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए भारतीय कारखानों से कपडे की उत्पादन बढ़ाने की मांग की जाने वाली |