अतिरिक्त - प्रश्न:
प्रश्न: रेगिस्तान की विशेताएँ बताइए?
उत्तर: यह एक शुष्क प्रदेश हैं जिस की विशेषताएँ अत्यधिक उच्च अथवा निम्न तापमान एवं वायरल वनस्पति हैं| इन क्षेत्रों में कम वर्षा, विरल वनस्पति एवं चरम तापमान होते हैं| तापमान के आधार पर रेगिस्तान गर्म या ठंडे हो सकते है| इन स्थानों में जहाँ कहीं भी थोडा - बहुत जल उपलब्ध होता हैं, लोग वहाँ कृषि करने के लिए बस जाते हैं|
प्रश्न: विश्व का सबसे बड़ा रेगिस्तान का क्षेत्रफल कितना हैं?
उत्तर: उत्तरी अफ्रीका के बड़े भू - भाग पर फैले सहारा के रेगिस्तान यह लगभग 8.54 लाख वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फ़ैला हुआ हैं|
प्रश्न: सहारा रेगिस्तान किन - किन राज्यों से घिरा हुआ हैं?
उत्तर: सहारा रेगिस्तान ग्यारह देशों से घिरा हुआ हैं| ये देश हैं - अल्जीरिया, चाड, मिस्त्र, लीबिया, माली, मौरितानिया, मोरक्को, नाइजर, सूडान, ट्युनिशिया एवं पश्चिमी सहारा|
प्रश्न: सहारा रेगिस्तान की जलवायु किस प्रकार की हैं?
उत्तर: सहारा रेगिस्तान की जलवायु अत्यधिक गर्म एवं शुष्क हैं| यहाँ की वर्षा ऋतु अल्पकाल के लिए होती हैं| यहाँ आकाश बादल रहित एवं निर्मित होता हैं| यहाँ नमी संचय होने की अपेक्षा तेजी से वाष्पित हो जाती हैं| दिन अविश्वसनीय रूप से गर्म होते हैं| दिन के समय तापमान 50o सेल्सियस से ऊपर पहुँच जाता हैं, जिससे रेट एवं नग्न चट्टानें अत्यधिक गर्म हो जाती हैं| इनके ताप का बिकिर्ण होने से चारों तरफ सब गर्म हो जाता हैं| रातें अत्यधिक ठंडी होती हैं तथा तापमान गिरकर हिमांक बिंदु, लगभग 0o सेल्सियम तक पहुँच जाता हैं|
प्रश्न: सहारा रेगिस्तान में रहने वाले लोग किस प्रकार की परिरिस्थितियों का सामना कारण पड़ता हैं?
उत्तर: सहारा रेगिस्तान की कष्टकारी जलवायु में भी समुदायों के लोग निवास करते हैं, जो भिन्न - भिन्न क्रियाकलापों में भाग लेते हैं| इनमें बेदुईन एवं तुआरेग भी शामिल हैं| चलवासी जनजाति वाले ये लोग बकरी, भेड़, ऊँट एवं घोड़े जैसे पशुधन को पालते हैं| इन पशुओं से इन लोगों को दूध मिलाता हैं, इनकी खाल से ये पेटी, जूते, पानी की बोतल बनाने के लिए चमडा प्राप्त करते हैं तथा पशुओं के बालों कका उपयोग चटाई, कालीन, कपडे एवं कंबल बनाने के लिए होता हैं| धूल भरी आँधियों एवं गर्म वायु से बचने के लिए ये लोग भारी वस्त्र पहनते हैं|
सहारा में मरूघान एवं मिस्त्र में नील घाटी लोगों को निवास में मदद कराती हैं| यहाँ जल की उपलब्धता होने से लोग खजूर के पेड़ उगते हैं| यहाँ चवाल, गेहूँ, जौ एवं सेम जैसे फसलें भी उगाई जाती हैं| मिस्त्र में उगाए जाने वाली कपास पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं|
सहारा की सांस्कृतिक जीवन में भी परिवर्तन आ रहा हैं| आज यहाँ मस्जिदों से ऊँचें काँच की खिड़कियों वाले भवन तथा ऊँटों के प्राचीन मार्ग के स्थान पर सुपर महामार्ग बन गए हैं| नमक के व्यापार में ऊँटों का स्थान ट्रक ले रहे हैं| तुआरेग लोग विदेशी पर्यटकों के लिए मार्गदर्शक का काम कर रहे हैं| आज अनेक चलवासी जनजाति के लोग शहरी जीवन की और जा रहे हैं, जहाँ वे तेल एवं गैंस के कार्या में नौकरी ढूँढते हैं|
प्रश्न: ठंडा रेगिस्तान - लद्दाख की विशेषताएँ बताइए?
उत्तर: जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व में बृहत हिमालय में स्थित लद्दाख एक ठंडा रेगिस्तान हैं| इसके उत्तर में काराकोरम पर्वत श्रेणियाँ एवं दक्षिण में जास्कर पर्वत स्थित हैं| लद्दाख से होकर अनेक नदियाँ बहती हैं, जिनमें सिंधु नदी प्रमुख हैं| ये नदियाँ गहरी घाटियों एवं महाखड्ड (गार्ज) का निर्माण करती हैं| लद्दाख में अनेक हिमानियाँ हैं जैसे - गैंग्री हिमानी|
लद्दाख की ऊँचाई कारगिल में लगभग 3000 मीटर से लेकर काराकोरम में 8000 मीटर से भी अधिक पाई जाती हैं| अधिक ऊँचाई के कारण यहाँ की जलवायु अत्यधिक शीतल एवं शुष्क होती हैं| इस ऊँचाई पर वायु परत पतली होती हैं जिससे सूर्य की गर्मी की अत्यधिक तीव्रता महसूस होती हैं| ग्रीष्म ऋतु में दिन का तापमान 0o सेल्सियम से कुछ ही अधिक होता हैं एवं रात में तापमान शून्य से - 30o सेल्सियम से नीचे चला जाता हैं| शीत ऋतु में यह बर्फीला ठंडा हो जाता हैं, तापमान लगभग हर समय - 40o सेल्सियम से नीचे ही रहता हैं| चूंकि यह हिमालय के वृष्टि - छाया क्षेत्र में स्थित हैं, अत: यहाँ वर्षा बहुत ही कम होती हैं, मुश्किल से 10 सेंटीमीटर प्रति वर्ष| यह क्षेत्र बर्फीली एवं तेज जलाने वाले सूर्य ताप का नुभव करता हैं| यह जानकर आपको आश्चर्य होगा कि यादी आप सूर्य ताप का अनुभव करता हैं| यह जानकर आपको आश्चर्य होगा कि यादी आप सूर्य की धूप में इस तरह बैठें कि आपके पैर छाया में हों, तो आप एक साथ एक समय पर ही ऊष्माघात एवं तुषार - उपघात से ग्रासित हो सकते हैं|
प्रश्न: वनस्पतिएवं प्राणिजात क्या हैं?
उत्तर: यहाँ उच्च शुष्कता के कारण वनस्पति विरल हैं| यहाँ जानवरों के चरने के लिए कहीं - कहीं पर ही घास एवं छोटी झाडियाँ मिलती हैं| घाटी में शरपत (विलो) एवं पॉप्लर के उपवन देखे जा सकते हैं| ग्रीष्म ऋतु में सेब, खुबानी एवं अखरोट जैसे पेड़ पल्लवित होते हैं| लद्दाख में पक्षियों की विभिन्न प्रजातियाँ नज़र आती हैं| इनमें रॉबिन, रेडस्टार्ट, तिब्बती स्नोकॉक, रैवन एवं हूप यहाँ पाए जाने वाले सामान्य पक्षी हैं| इनमें से कुछ प्रवासी पक्षी हैं| लद्दाख के पशुओं में जंगली बकरी, जंगली भेड़, याक एवं विशेष प्रकार के कुत्ते आदि पाए जाते हैं| इन पशुओं को दूध, मांस एवं खाल प्राप्त करने के लिए पाला जाता हैं| याक के दूध का उपयोग पनीर एवं मक्खन बनाने के लिए होता हैं| भेड़ एवं बकरी के बालों का उपयोग ऊनी वस्त्र बनाने के लिए किया जाता हैं|