अतिरिक्त प्रश्नोत्तर:
Q1. भारतीय संविधान में किन देशों के प्रावधान को शामिल किया गया है उनका वर्णन कीजिए ?
उत्तर :
भारतीय संविधान में निम्न देशों से प्रावधान को शामिल किया गया है
(1) ब्रिटिश संविधान से
(i) सर्वाधिक मत के आधार पर चुनाव में जीत का फैसला
(ii) सरकार का संसदीय स्वरूप
(iii) कानून के शासन का विचार
(iv) विधायिका में अध्यक्ष का पद और उनकी भूमिका
(v) कानून निर्माण की विधि
(2) अमेरिका का संविधान से
(i) मौलिक अधिकारों की सूची
(ii) न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति और न्यायपालिका की स्वतन्त्रता
(3) आयरलैंड का संविधान
(i) राज्य के नितिनिदेर्शक तत्व
(4) फ़्रांस का संविधान
(i) स्वतंत्रता , समानता और बन्धुत्त्व का सिधांत
(5) कनाडा का संविधान
(i) एक अर्द्ध - संघात्मक सरकार का स्वरूप
(ii) अवशिष्ट शक्तियों का सिधांत
Q2. भारतीय संविधान के कार्यों का वर्णन कीजिए ?
उत्तर :
भारतीय संविधान के कार्य निम्न प्रकार हैं -
(i) संविधान का पहला काम यह है कि वह बुनियादी नियमों का एक ऐसा समूह
उपलब्ध् कराये जिससे समाज के सदस्यों में एक न्यूनतम समन्वय और विश्वास
बना रहे।
(ii) संविधान का दूसरा काम यह स्पष्ट करना है कि समाज में निर्णय लेने की शक्ति किस के पास होगी। संविधान यह भी तय करता है कि सरकार कैसे निर्मित होगी।
(iii) संविधान का तीसरा काम यह है कि वह सरकार द्वारा अपने नागरिकों पर लागू किये जानेवाले कानूनों की कोई सीमा तय करे। ये सीमाएँ इस रूप में मौलिक होती हैं कि सरकार कभी उनका उल्लंघन नहीं कर सकती।
(iv) संविधान का चौथा काम यह है कि वह सरकार को ऐसी क्षमता प्रदान करे जिससे वह जनता की आकांक्षाओं को पूरा कर सके और एक न्यायपूर्ण समाज की स्थापना के लिए उचित परिस्थितियों का निर्माण कर सके ।
Q3. हमें संविधान की आवश्यकता क्यों हैं ?
उत्तर :
हमें संविधान की आवश्यकता निम्न कारणों से हैं-
(i) निर्णय लेने के शक्ति की विशिष्टताओं के लिए
(ii) सरकार की शक्तियों पर सिमाएँ लगाने के लिए
(iii) समाज की आकांक्षाओं और लक्ष्यों को पूरा करने के लिए
(iv) राष्ट्र की बुनियादी पहचान के लिए
Q4. भारतीय संविधान का निर्माण कैसे हुआ ?
उत्तर :
भारतीय संविधान पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई और फिर 14 अगस्त, 1947को विभाजित भारत के संविधान सभा के रूप में इसकी पुनः बैठक हुई। 1935 में स्थापित प्रांतीयविधान सभाओं के सदस्यों द्वारा अप्रत्यक्ष विधि से संविधान सभा के सदस्यों का चुनावहुआ।संविधन सभा की रचना लगभग उसी योजना के अनुसार हुई जिसे ब्रिटिश मंत्रिमंडलकी एक समिति - ‘केबिनेट मिशन’ने प्रस्तावित किया था। तथा संविधान को बनाने मेंलग्भाग 2 वर्ष 11 महीने 18 दिनों का समय लगा और 26 नवम्बर 1949 को पूरा किया गया|
Q5. संविधान की सर्वोच्चता से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर :
संविधान की सर्वोच्चता से अभिप्राय यह है कि कोई संस्था या सरकार का कोई भी अंग जैसे विधानपालिका, कार्यपालिका व न्यायपालिका संविधान से ऊपर नहीं हैं | ये सभी अपनी सहक्तियो व क्षेत्राधिकार के लिए संविधान पर निर्भर करती हैं |
Q6. लचीला व कठोर संविधान से आप क्या समझते है ?
उत्तर :
लचीला संविधान से अभिप्राय यह है कि जिस संविधान में सरल प्रक्रिया से परिवर्तन किया जा सकता है उसे लचीला संविधान कहते है |
तथा कठोर संविधान से अभिप्राय यह है कि जिस संविधान में सरल प्रक्रिया से परिवर्तन नहीं किया जा सकता है उसे कठोर संविधान कहते है |
भारत में लचीला व कठोर दोनों प्रकार का संविधान है |
Q7. भारतीय संविधान को लिखने में कितना समय लगा ?
उत्तर :
2 वर्ष 11 महीने 18 दिनों का समय लगा |
Q8. संविधान सभा में कितनें सद्स्यें थे ?
उत्तर :
389 सदस्ये
Q9. भारतीय संविधान कब पूरा हुआ ?
उत्तर :
26 नवम्बर 1949 को |
Q 10. भारतीय संविधान कब लागु किया गया ?
उत्तर :
26 जनवरी 1950 को |
Q11.संविधान सभा की रचना लगभग उसी योजना के अनुसार हुई जिसे ब्रिटिश मंत्रिमंडल की एक समिति ‘केबिनेटमिशन’ने प्रस्तावित किया था। इस योजना के मुख्य प्रस्तावों को बताईये ?
उत्तर :
इस योजना के मुख्य प्रस्ताव निम्न प्रकार है :-
(i) प्रत्येक प्रांत, देशी रियासत या रियासतों के समूह को उनकी जनसंख्या के अनुपात में सीटें दी गईं। मोटे तौर पर दस लाख की जनसंख्या पर एक सीट का अनुपात रखागया।परिणामस्वरूप ब्रिटिश सरकार के प्रत्यक्ष शासन वाले प्रांतों को 292 सदस्य चुनने थे तथा देशी रियासतों को न्यूनतम 93 सीटें आवंटित की गई।
(ii) प्रत्येक प्रांत की सीटों को तीन प्रमुख समुदायों - मुसलमान, सिख और सामान्य - में उनकी जनसंख्या के अनुपात में बाँट दिया गया।
(iii) प्रांतीय विधान सभाओं में प्रत्येक समुदाय के सदस्यों ने अपने प्रतिनिधियों को चुना और इसके लिए उन्होंने समानुपातिक प्रतिनिध्त्त्वि और एकल संक्रमण मत पद्धति का प्रयोग किया।
(iv) देशी रियासतों के प्रतिनिधियों के चुनाव का तरीका उनके परामर्श से तय किया गया।अध्याय के पिछले भाग में उन तीन कारकों पर प्रकाश डाला गया जो संविधान को प्रभावी और सम्मान के योग्य बनाते हैं।
Q12. भारतीय संविधान का स्वरूप किस प्रकार का है ?
उत्तर :
भारतीय संविधान का स्वरुप निम्न प्रकार से है :-
(1)संविधान सभा का गठन साम्प्रदायिक आधार पर किया गया - मुस्लिम ने मुस्लिम को चुना तथा सिख ने सिख को चुना। अन्य सम्प्रदाय व सामान्य वर्ग भी शामिल थे। संविधान सभा के लिए अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली को अपनाया। संविधान सभा में कांग्रेस की प्रमुखता थी तथा विरोधी दल के सदस्यों की संख्या नाममात्र थी।
(2)9 दिसम्बर 1946 को संविधान सभा का अधिवेशन आरम्भ हुआ, डा. सचिदानन्द सिन्हा को अस्थायी अध्यक्ष चुना गया। डा॰ राजेंद्र प्रसाद को 11 दिसम्बर 1946 को संविधान सभा का अध्यक्ष चुना तथा प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में डा॰ भीमराव अम्बेडकर निर्वाचित हुए।
(3)13 दिसम्बर 1946 को पं. जवाहर लाल नेहरू ने संविधान का उद्देश्य प्रस्ताव प्रस्तुत किया इस उद्देश्य प्रस्ताव को संविधान सभा ने 22 जनवरी 1947 को स्वीकार कर लिया। स्वतंत्र भारत के संविधान की प्रस्तावना भी इन्ही उद्देश्यों पर आधरित है। 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा द्वारा राष्ट्रीय ध्वज अपनाया गया था।
(4)इस संविधान में 395 अनुच्छेद, 22 भाग तथा 8 सूचियां थी। 26 नवम्बर 1949 को यह संविधान स्वीकार किया गया। इसको बनने में 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन लगे। विभिन्न मुद्दों के लिए उनकी 8 कमेटियाँ बनी थी।
(5)संविधान सभा ने भारत के लिए संसदीय शासन व्यवस्था और संघात्मक व्यवस्था को स्वीकार किया 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया।
Q13.भारतीय संविधान के स्त्रोत वर्णन कीजिए ?
उत्तर :
1935 का भारत सरकार का अधिनियम :
अन्य देशों की संवैधानिक प्रणाली, 1928 की नेहरू रिपोर्ट जिसमें संघ सरकार की स्थापना की जाएँ, केंद्र शक्तिशाली हो इत्यादि।
A. ब्रिटिश संविधान :
1. सरकार का संसदीय रूप, सर्वाधिक मत के अधार पर चुनाव में जीत का निर्णय।
2. कानून के शासन का विचार।
3. विधायिका में अध्यक्ष का पद औरर उसकी भूमिका।
4. कानून निर्माण की विधि।
B. अमेरिका का संविधान
1. मौलिक अधिकारों की सूची
2. न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति और न्यायपालिका की स्वतंत्रता
C. आयरलैंड का संविधान
1. राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत
D. फ्रांस का संविधान
1. स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व का सिद्धांत
E. कनाडा का संविधान
1. एक अर्द्ध-संघात्मक सरकार का स्वरुप (सशक्त केन्द्रीय सरकार वाली संघात्मक व्यवस्था) |
2. अवशिष्ट शक्तियों का सिद्धांत |