अतिरिक्त-प्रश्न
1 अंक वाले प्रश्न
प्रश्न 1. विश्व में जल का कुल आयतन का कितने प्रतिशत भाग अलवणीय हैं?
उत्तर: कुल आयतन का केवल 2.5% |
प्रश्न 2. अलवणीय जल हमें कहा से प्राप्त होता है?
उत्तर: यह हमें सतही अपवाह और भौमजल स्रोतों से प्राप्त होता हिं जिनका लगातार नवीनीकरण और पुनर्भरण जलीय चक्र द्वारा होता हैं|
प्रश्न 3. जवाहरलाल नेहरु ने बाँधो के महत्त्व के विषय में क्या कहा था?
उत्तर: जवाहरलाल नेहरु गर्व से बाँधो को ' आधुनिक भारत का मंदिर' कहा करते थे|
प्रश्न 4. किन्हीं दो बहुउद्देशीय परियोजनो के नाम बताओ?
उत्तर: (i) भाखड़ा-नागल परियोजना (सतलज नदी)
(ii) हीराकुंड परियोजना (महानदी)|
प्रश्न 5. बहुउद्देशीय परियोजना के विरुद्ध चलाए गए दो आन्दोलन के नाम लिखिए|
उत्तर: (i) नर्मदा बचाओ आंदोलन|
(ii) टिहरी बाँध आंदोलन|
प्रश्न 6. बाँध क्या होता हैं?
उत्तर: बाँध का अर्थ हैं ' जलाशय ' | यह बहते जल को रोकने, दिशा देने या बहाव को कम करने के खाड़ी की गई बाँधा हैं जो आमतौर पर जलाशय झील अथवा जलभरण बनती हैं|
प्रश्न 7. टाँका क्या होता हैं?
उत्तर: पीना का पानी एकत्रित करने के लिए भूमिगत टैंक को टाँका कहा जाता हैं|
प्रश्न 8. पालर पानी क्या होता हैं?
उत्तर: वर्ष जल को के क्षेत्रों में पालर पानी कहा जाता हैं| इसे प्राकृतिक जल का शुद्धतम रूप समझा जाता हैं|
प्रश्न 9. किस राज्य में हर घर में छत वर्ष जल संग्रहण ढांचे का निर्माण करना आवश्यक हैं?
उत्तर: तमिलनाडु|
प्रश्न 10. मेघालय में नदियों और झरनों के जल का प्रयोग किस प्रणाली द्वारा पौधे की सिंचाई के लिए किया जाता हैं?
उत्तर: बाँस ड्रिप सिंचाई प्रणाली द्वारा|
प्रश्न 11. दिल्ली में किस स्थान पर और क्यों एक विशिस्ट तालाब इल्तुतमिश द्वारा बनवाया गया था?
उत्तर: 14 वीं शताब्दी में इल्तुतमिश ने दिल्ली में सिरी फोर्ट क्षेत्र में जल की सप्लाई के लिए हौज़ खास (एक विशिष्ट तालाब) बनवाया था|
प्रश्न 12. प्राचीन भारत में जलीय कृतियों के प्रमाण कहाँ मिले हैं?
उत्तर: (i) कलिंग
(ii) नागार्जुनकोंडा
(iii) बेन्नूर
3/5 अंक वाले प्रश्न
प्रश्न 1. बहुउद्देशीय परियोजनाओ के नाम लिखो|
उत्तर: भाखड़ा-नागल परियोजना|
(ii) हीराकुंड परियोजना|
(iii) नर्मदा सागर - सरदार सरोवर बाँध|
(iv) टिहरी बाँध|
प्रश्न 2. मेघालय में बाँस ड्रिप सिंचाई प्रणाली की व्याख्या कीजिए|
उत्तर: मेघालय में बाँस ड्रिप सिंचाई प्रणाली निम्नलिखित प्रकार से प्रयोग होती हैं-
(i) नदियों व झरनों के जल को बाँस द्वारा बने पाइप से एकत्रित करके सैकड़ो मीटर दूरी तक ले जाया जाता हैं|
(ii) पाइपों के माध्यम से जल पहाड़ के निचले स्थानों तक पहुँचाया जाता है|
(iii) बाँस से निर्मित चैनल से पौधे के स्थान तक जल का बहाव परिवर्तित किया जाता हैं|
(iv) पौधे तक बाँस पाइपों से बनाई और बिछाई गई विभिन्न जल शाखाओ में जल वितरित किया जाता हैं|
(v) यदि पाइपों को सड़क पार ले जाना हैं तो उन्हें भूमि पर ऊँचाई से लाया जात हैं|
प्रश्न 3. प्राचीनकाल की तीन जलीय कृतियों का वर्णन कीजिए|
उत्तर: (i) चन्द्रगुप्त मौर्य के समय बृहत् स्तर पर बाँध, झील और सिंचाई तंत्रों का निर्माण करवाया गया|
(ii) कलिंग (ओडिशा), नागार्जुनकोंडा (आंध्र प्रदेश), बेन्नूर (कर्नाटक) और कोल्हापुर (महाराष्ट्र) में उत्कृष्ट सिंचाई तंत्र होने के प्रमाण मिलते हैं|
(iii) 14 वीं शताब्दी में इल्तुतमिश ने दिल्ली में सिरी फोर्ट क्षेत्र में जल की सप्लाई के लिए हौज़ खास (एक विशिष्ट तालाब) बनवाया था|
1.अलवणीय जल :- सतही अपवाह और भौमजल स्त्रोतों से प्राप्त होता है |
2. जल एक नवीकरणीय संसाधन :- अलवणीय जल हमें सतही अपवाह और भौमजल स्त्रोत से प्राप्त होता है जिनका लगातार नवीकरणीय और पुनचक्रण जलीय चक्र द्वारा होता है | समुद्रों से जल वाष्पीकृत होकर बरसते है जिसके कारण जल पूर्ति होती है तथा जल समाप्त नहीं होते है इसलिए जल नवीकरणीय संसाधन हैं |
3. 2.5 % जल अलवणीय जल है |
4. जल दुर्लभता :- पृथ्वी पर आवश्कता से कम जल की उपलब्धता को जल दुर्लभता कहते है |
5. जल दुर्लभता के कारण :-
(1) जल की अधिक उपयोग |
(2) जल को प्रदूषित करना या जल प्रदुषण |
(3) बढ़ती जनसंख्या के कारण जल की माँग बढ़ रही हो जिसके कारण जल की कमी हो रही है |
(4) अनाज उगाने के लिए जल का अतिशोषण |
(5) जल की ख़राब गुणवता के कारण जल होते हुए भी हम उसे प्रयोग नहीं कर सकते है |
(6) शहरों की बढ़ती जनसंख्या से कारण वहाँ शहरी जीवन शैली के लिए अधिक जल और ऊर्जा की आवशकता होती है जिसकी पूर्ति के लिए जल संसाधन के आवशकता होती है |
(7) फैकिट्रयों द्वारा निकालने वाले रसायन के कारण जल जहरीला होआ जा रहा है जिसे हम नहीं प्रयोग कर सकते है |
(8) जल की ख़राब गुणवत्ता के कारण जल होते हुए भी हम उसे प्रयोग नहीं कर सकते है |
(9) बहुराष्ट्रीय कंपनियों में ऊर्जा की पूर्ति के लिए जल विघुत का उपयोग किया जाता है जिसके कारण जल का अधिक उपयोग हो रहा है |
(10) शहीरकरण और औघोगीकरण के कारण जल की माँग बढ़ रही है |
6. बहुउद्देशीय नदी परियोजनाएँ :- वे नदी परियोजनाएँ जो बहुत सारे उद्देशीयों की पूर्ति के लिए बनाएँ जाते है वे बहुउद्देशीय परियोजनाएँ कहलाते है |
7. बाधँ :- बाधँ बहते हुए जल को रकोने , दिशा देना या बहाव कम करने के लिए खड़ी की गई बाधा है जो आमतौर पर जलाशय झील अथवा जलभरण बनती है |
8. बाँधो का वर्गीकरण :-
(i) संरचना के अनुसार
(ii) संरचना या ऊचाँई के अनुसार
9.(a) संरचना के अनुसार :- उनमें प्रयुक्त पदार्थी के आधार पर बाँधो को लकड़ी के बाँध , तट बाँध , पक्का बाँध के बाँट जा सकता है |
(b) संरचना या ऊचाँई के अनुसार :- उचांई के अनुसार बांधों को बड़े बांधों या नीचे बाँध , माध्यम बाँध और उच्च बाँधों में वर्गीकृत किया जा सकता है |
10. बाँधों को बहुउद्देशीय परियोजनाएँ कहा जाता है :- क्योकिं बाँधों के द्वारा बहुत सारे उद्देशीय की पूर्ति की जाती है जैसे :- विघुत उत्पादन , घेरलू और औघोगीकरण उपयोग , जल आपूर्ति , बाढ़ नियंत्रण , मनोरंजन , आतंरिक नौवालन और मछली पालन , सिचाई आदि | बहुउद्देशीय परियोजनाएँ
में भी बहुत सारे उद्देशीयो की पूर्ति होती है | इसलिए बाँध को बहुउद्देशीय परियोजना कहा जाता है |
11. बहुउद्देशीय परियोजनाएँ की हानियाँ :-
(1) जलाशलों के किनारे कचरे के जमा होने के कारण जलीय जीव - आवासों में भोजन के कमी हो जाती है |
(2) जलाशयों के किनारे कचरे तथा तल छटो का जमा होना |
(3) वहाँ के निवासियों को अपना आवास तथा अपनी जमीन छोड़कर जाना पड़ता है |
(4) नदी के किनारे तलछट जमा होने के कारण बाढ़ आने का खतरा बना रहता है |
(5) बाँध नदियों को टुकड़ों में बाँट देते है | जिससे भंडा देने की ऋतु में जलीय जीवों का नदियों में स्थातरण अवरूध हो जाता है
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