अभ्यास प्रश्नावली :-
Q 1. 1. संसदीय कार्यपालिका का अर्थ होता है -
(क) जहाँ संसद हो वहाँ कार्यपालिका का होना
(ख) संसद द्वारा निर्वाचित कार्यपालिका
(ग) जहाँ संसद कार्यपालिका के रूप में काम करती है
(घ) ऐसी कार्यपालिका जो संसद के बहुमत वेफ समर्थन पर निर्भर हो
उत्तर :
(घ) ऐसी कार्यपालिका जो संसद के बहुमत के समर्थन पर निर्भर हो
Q 2. निम्नलिखित संवाद पढ़ें। आप किस तरफ से सहमत हैं और क्यों?
अमित - संविधान के प्रावधानों को देखने से लगता है कि राष्ट्रपति का काम सिर्फ ठप्पा मारना है।
शमा - राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की नियुक्ति करता है। इस कारण उसे प्रधानमंत्री को हटाने का भी अधिकार होना चाहिए।
राजेश - हमें राष्ट्रपति की ज़रूत नहीं। चुनाव के बाद, संसद बैठक बुलाकर एक नेता चुन सकती है जो प्रधानमंत्री बने।
उत्तर :
शमा के बात से हम सहमत है कि क्योंकि राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की नियुक्ति करता है इसलिए उसे हटाने का अधिकार भी होना चाहिए | सिधांत यह है कि राष्ट्रपति ही प्रधानमंत्री को औपचारिक रूप से नियुकित करता है व संविधान के अनुच्छेद 78 के अनुरूप प्रधानमंत्री अपना कार्य ना करें व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी के सबंधों में हुआ था |
Q3. निम्नलिखित को सुमेलित करें -
(क) भारतीय विदेश सेवा जिसमें बहाली हो उसी प्रदेश में काम करती है।
उत्तर :
भारतीय विदेश सेवा भारत के लिए विदेशों में कार्यरत |
(ख) प्रादेशिक लोक सेवा केन्द्रीय सरकार के दफ्तरों में काम करती है जो या तो देश की राजधानी में होते हैं या देश में कहीं और।
उत्तर :
प्रादेशिक लोक सेवा जिसमे बहाली हो उसी , उसी प्रदेश में काम करती है |
(ग) अखिल भारतीय सेवाएँ जिस प्रदेश में भेजा जाए उसमें काम करती है, इसमें प्रतिनियुक्ति पर केंद्र में भी भेजा जा सकता है।
उत्तर : आखिल भारतीय सेवाएँ निस प्रदेश में जाए, उसमे काम करती है | इसमें प्रतिनियुक्ति पर केंद्र में भी भेजा जा सकता है |
(घ) केन्द्रीय सेवाएँ भारत के लिए विदेशों में कार्यरत।
उत्तर :
केन्द्रीय सेवाएँ केन्द्रीय सरकार के दफ्तरों में काम करती है जो या तो देश की राजधानी में होते है या देश में कहीं और |
Q 4. उस मंत्रालय की पहचान करें जिसने निम्नलिखित समाचार को जारी किया होगा। यह मंत्रालय प्रदेश की सरकार का है या केंद्र सरकार का और क्यों?
(क) एक सरकारी आदेश के अनुसार सन् 2004-05 में तमिलनाडु पाठ्यपुस्तक निगम कक्षा 7ए 10 और 11 की नई पुस्तके जारी करेगा।
उत्तर :
यह सामाचार तमिलनाडु सरकार के शिक्षा मंत्रालय का है क्योंकि राज्य शिक्षा मंत्रालय ही कक्षा 7,10,व 11 की शिक्षा के विषयों से संबधित है |
(ख) भीड़ भरे तिरूवल्लुर-चेन्नई खंड में लौह-अयस्क निर्यातकों की सुविधा के लिए एक नई रेल लूप लाइन बिछाई जाएगी। नई लाइन लगभग 80 कि.मी. की होगी। यह लाइन पुट्टुर से शुरु होगी और बंदरगाह के निकट अतिपट्टू तक जाएगी।
उत्तर :
यह सामाचार रेलवे मंत्रालय का है जो की केंद्र का विषय है अत: यह केंद्र सरकार के अधीन है यह विषय निर्यात से भी जुड़ा है व यह भी केंद्र सरकार के अधीन है |
(ग) रमयमपेट मंडल में किसानों की आत्महत्या की घटनाओं की पुष्टि के लिए गठित तीन सदस्यीय उप-विभागीय समिति ने पाया कि इस माह आत्महत्या करने वाले दो किसान फंसल के मारे जाने से आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे थे।
उत्तर:
यह सरकार कृषि मंत्रालय का है जिसमे किसानों की आत्महत्या के कारणों का समिति कि रिपोर्ट के आधार पर किया गया है | यह विषय प्रान्त सरकार का है |
Q 5. प्रधानमन्त्री की नियुक्ति करने में राष्ट्रपति -
(क) लोकसभा के सबसे बड़े दल के नेता को चुनता है।
(ख) लोकसभा में बहुमत अर्जित करने वाले गठबंधन के दलों में सबसे बड़े दल के नेता को चुनता है।
(ग) राज्यसभा के सबसे बड़े दल के नेता को चुनता है।
(घ) गठबंधन अथवा उस दल के नेता को चुनाता है जिसे लोकसभा के बहुमत का समर्थन प्राप्त हो।
उत्तर :
(घ) गठबंधन अथवा उस दल के नेता को चुनाता है जिसे लोकसभा के बहुमत का समर्थन प्राप्त हो।
Q6. इस चर्चा को पढ़कर बताएँ कि कौन-सा कथन भारत पर सबसे ज्यादा लागू होता है-
आलोक - प्रधानमंत्री राजा के समान है। वह हमारे देश में हर बात का फैसला करता है।
शेखर - प्रधानमंत्री सिर्फ ‘समान हैसियत के सदस्यों में प्रथम’ है। उसे कोई विशेष अधिकार प्राप्त नहीं। सभी मंत्रियों और प्रधानमंत्री के अधिकार बराबर हैं।
बॉबी - प्रधानमंत्री को दल के सदस्यों तथा सरकार को समर्थन देने वाले सदस्यों का ध्यान रखना पड़ता है। लेकिन कुल मिलाकर देखें तो नीति-निर्माण तथा मंत्रियों के चयन में प्रधानमंत्री की बहुत ज्यादा चलती है।
उत्तर :
बाबी का कथन भारतीय परिपेक्ष्य में प्रधानमंत्री की स्थिति को व्यक्त करता है | प्रधानमंत्री की निशिचत रूप से अत्यधिक शक्तियाँ है परन्तु उसके निर्णयों को राजनीतिक कल के सदस्य, सहयोगी दल व तत्कालीन परिस्थितियाँ भी प्रभावित करती है |
Q7. क्या मंत्रिमंडल की सलाह राष्ट्रपति को हर हाल में माननी पड़ती है? आप क्या सोचते हैं अपना उत्तर अधिकतम 100 शब्दों में लिखें।
उत्तर :
भारत के संविधान के अनुच्छेद 74 में लिखा है कि राष्ट्रपति को उसके कार्यो में सलाह देने के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक मंत्रिमंडल होगा जो उनकी सलाह के अनुसार कार्य करेगा | 42 वें संविधान संशोधन के अनुसार यह निशिचत किया गया था कि राष्ट्रपति को मंत्रिमंडल की सलाह अनिवार्य रूप से माननी होगी | लेकिन संविधान के 44 वें संविधान संशोधन में फिर यह निशिचत किया कि राष्ट्रपति प्रथम बार में मंत्रिमंडल की सलाह को मानने के लिए बाध्य नहीं है व वह उस सलाह को दोबारा विचार - विमर्श के लिए वापस भेज सकता है लेकिन दोबारा विचार विमर्श करने के बाद दी गयी सलाह को उसे अनिवार्य रु से मानना होगा |
Q8. संसदीय-व्यवस्था ने कार्यपालिका को नियंत्रण में रखने के लिए विधायिका को बहुत-से अधिकार दिए हैं। कार्यपालिका को नियंत्रित करना इतना ज़रूरी क्यों है? आप क्या सोचते हैं?
उत्तर :
संसदीय सरकार की यह प्रमुख विशेषता व गुण है कि यह एक जिम्मेवार उत्तरदायी सरकार है इसमें कार्यपालिका संसद के प्रति जिम्मेवार होते है | दोनों में जहर संबंध होता है व विभिन्न संसदात्मक तरीकों से व्यवस्थापिका कार्यपालिका पर लगातार अपना नियन्त्रण बनाती है जो आवश्यक भी है क्योंकि संसदात्मक सरकार की यह सबसे बड़ी विशेषता ही कि सरकार या कार्यपालिका पर व्यवस्थापिका का लगातार नियन्त्रण रहने से इस पर नियन्त्रण रहता है | इसकी मनमानी पर रोक लगता है पर इससे अच्छे व जनहित के निर्णय लिए जाते है व्यवस्थापिका जनमत पर नियन्त्रण काम रोको प्रस्ताव से व सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर सरकार पर नियन्त्रण करती ही जो स्वच्छ प्रशासन व जनहित के लिए आवश्यक भी है |
Q9. कहा जाता है कि प्रशासनिक-तंत्र के कामकाज में बहुत ज्यादा राजनीतिक हस्तक्षेप होताहै। सुझाव के तौर पर कहा जाता है कि ज्यादा से ज्यादा स्वायत्त एजेंसियाँ बननी चाहिए जिन्हें मंत्रियों को जवाब न देना पड़े।
(क) क्या आप मानते हैं कि इससे प्रशासन ज्यादा जन-हितैषी होगा?
(ख) क्या इससे प्रशासन की कार्य कुशलता बढ़ेगी?
(ग) क्या लोकतंत्र का अर्थ यह होता है कि निर्वाचित प्रतिनिधियों का प्रशासन पर पूर्ण नियंत्रण हो?
उत्तर :
हमारे यहाँ दो प्रकार की कार्यपालिका है :-
एक राजनितिक कार्यपालिका जो अस्थाई होते है व जिसमें मंत्रियों के रूप में जनप्रतिनिधि होते है |
दूसरी स्थाई कार्यपालिका होती है जिसमे सरकारी कर्मचारी होते हैं जो अपने - अपने क्षेत्रों में अनुभवी व विशेषज्ञ होते है |
स्थाई नौकरशाही एक निशिचत राजनितिक - प्रशासनिक वातावरण में कार्य करती है जिसमे क्षमताओं को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है | परन्तु संसदात्मक कार्यपालिका में यह सम्भव नही है कि प्रशासनिक संस्थाएँ पूरी तरह से स्वायत हो व उसमे राजनितिक सलाह का कोई प्रभाव ना हो |
प्रतिधानात्मक प्रजातंत्र जनप्रतिनिधि जनता के हितों के रक्षक माने जाते हैं तथा प्रशासनिक कर्मचारियों व प्रशासनिक अधिकारीयों का यह दायित्व है कि जनप्रतिनिधि के निर्देशन में जनहित का ध्यान रखने हुए निति निर्माण करे |
Q10. नियुक्ति आधारित प्रशासन की जगह निर्वाचन आधारित प्रशासन होना चाहिए - इस विषय पर 200 शब्दों में एक लेख लिखो।
उत्तर :
आज भारत में दो प्रकार के कार्यपालिका है एक चुनी हुई राजनितिक अस्थाई कार्यपालिका व दूसरी निष्पक्ष, अराजनीतिक, निश्चित योग्यता के आधार पर निश्चित विधि के द्वारा नियुक्त स्थाई कार्यपालिका जिसमे क्लर्क से लेकर मुख्य सचिव शामिल है | राजनितिक कार्यपालिका के सदस्य विधानपालिका व संसद या व्यवस्थापिका के सदस्य होते है निनका चुनाव आयोग के द्वारा किया जाता है | इनकी एक निश्चित राजनितिक सोच होती है जिसके आधार पर ये चुनाव जीतते है व उसी आधार पर निति निर्माण करके उसे लागू करने का प्रयास करते हैं |
दूसरी कार्यपालिका जिसको नौकरशाही कहते हैं अराजनीतिक रूप से अपने अनुभव व योग्यता के आधार पर कार्य करते हैं | स्थाई कार्यपालिका के सदस्यों का निशिचत योग्यता के आधार पर निश्चित विधि के द्वारा निष्पक्षता के आधार पर लम्बे समय के लिए नियुक्त किया जाता है | केद्रं में ये नियुक्तियां यु.पी.एस.सी. करती हैं व प्रांत में राज्यों की अपनी प.सर्विस कमिशन होती है | ये कर्मचारी निश्चित नियमों के आधार पर व निश्चित मापदंडों के आधार पर कार्य करते है
इस स्थिति में यह उचित नहीं होगा कि प्रशासनिक कर्मचारियों व अधिकारीयों का व्हुनाव किया जाये क्योंकि सरकारी पदों पर कार्य करने के लिए निश्चित शैक्षणिक व तकनिकी योग्यताओं की आवश्यकता अवश्य होती है |